• Aryan Rana posted an update in the group VRIGHT EXCHANGE

    2 months, 1 week ago

    अगर अमेरिका थोपेगा अनुचित टैरिफ, तो भारत का जवाब आत्मनिर्भरता होगी

    VRight Exchange – भारत की अपनी डिजिटल विरासत की दिशा में कदम

    अमेरिका और यूरोप जैसे देश जब भी भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को चुनौती के रूप में देखते हैं, तो वे अनुचित टैरिफ और व्यापारिक बाधाएँ खड़ी कर देते हैं। यदि भविष्य में अमेरिका भारत के निर्यात पर अव्यावहारिक शुल्क लगाता है, तो इसका सीधा असर भारतीय उद्योग और किसानों पर पड़ेगा। लेकिन इसका सबसे ठोस जवाब भारत केवल एक ही तरीके से दे सकता है—आत्मनिर्भरता।

    भारत आज आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। जिस प्रकार देश की युवा शक्ति, उद्यमी और किसान लगातार नये-नये क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं, उसी प्रकार अब भारत को टेक्नोलॉजी, डाटा और डिजिटल प्लेटफार्म पर भी अपनी पकड़ मज़बूत करनी होगी।

    विदेशी प्लेटफार्म पर निर्भरता: एक अदृश्य खतरा
    आज भारत से जितना निर्यात अमेरिका या यूरोप को होता है, उससे कहीं अधिक मूल्य का भारतीय डाटा और उपभोक्ता पैटर्न विदेशी कंपनियों के पास जा रहा है। यूट्यूब, ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल और गूगल मैप जैसे प्लेटफार्म हमारी आदतें, व्यवहार और उपभोक्ता रुझान हर पल रिकॉर्ड कर रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि भारत के लोग और भारत की अर्थव्यवस्था परोक्ष रूप से विदेशी नियंत्रण में जा रही है। यह स्थिति लंबे समय में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए बड़ी चुनौती है।

    क्यों जरूरी है अपने डिजिटल प्लेटफार्म?
    आज आवश्यकता इस बात की है कि भारत अपने खुद के प्लेटफार्म विकसित करे। जब हमारे पास स्वदेशी डिजिटल सेवाएँ होंगी—तो उनकी कीमत पारंपरिक निर्यात से कहीं अधिक होगी।
    • भारत का डाटा भारत में सुरक्षित रहेगा।
    • आर्थिक और सामाजिक लाभ सीधे भारतवासियों को मिलेगा।
    • विदेशी दबाव या प्रतिबंधों का असर सीमित होगा।

    VRight Exchange: आत्मनिर्भर भारत की झलक
    इसी दिशा में VRight Exchange एक उदाहरण है। यह भारत का पहला इंटरैक्टिव कैपिटल मार्केट्स एंगेजमेंट प्लेटफार्म है, जो:
    • SEBI-अनुपालन और प्रोफेशनल वेरिफिकेशन के साथ बना है।
    • केवल वेरिफाइड निवेशक, सीईओ, विश्लेषक और मीडिया को जोड़ता है।
    • पारंपरिक सोशल मीडिया के शोर और अव्यवस्था से अलग, एक संरचित और सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करता है।
    जहाँ ट्विटर, फेसबुक और लिंक्डइन का उद्गम विदेशी है, वहीं VRight Exchange पूरी तरह से भारत में बना प्लेटफार्म है।

    नई डिजिटल विरासत
    जैसे डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम या डॉ. वर्गीज़ कुरियन ने विदेशी अनुभव लेकर भारत लौटकर राष्ट्र को समर्पित किया, उसी प्रकार अब समय आ गया है कि भारतीय आईटी और डिजिटल टैलेंट भारत में लौटकर अपनी ऊर्जा स्वदेशी डिजिटल परियोजनाओं पर लगाए। यही भारत की नई डिजिटल विरासत होगी।

    और आखिर में..
    यदि अमेरिका अनुचित टैरिफ लगाएगा, तो भारत केवल निर्यात शुल्क बढ़ाकर जवाब नहीं देगा। असली जवाब होगा—Atmanirbhar Bharat 2.0, जिसमें टेक्नोलॉजी, डिजिटल प्लेटफार्म, डाटा, स्पेस साइंस और कृषि सभी क्षेत्रों में भारत अपनी पकड़ मजबूत करे।
    VRight Exchange जैसी पहल इस दिशा का स्पष्ट संदेश है—भारत अब केवल बाज़ार नहीं रहेगा, बल्कि डिजिटल नेतृत्वकर्ता भी बनेगा।

    आखिर में हमें यह करना ही होगा। हम कर रहे हैं। और करके रहेंगे।

    जय हिंद, जय भारत !